29 Feb,2024
यह एक अद्भुत कहानी है, जो सम्भल, उत्तर प्रदेश के निवासी मोहम्मद क़ासिम की उधारणीय उपलब्धि को साझा करती है, जिन्होंने अपने बचपन के सपने को हकीकत में बदला।
कुछ वर्ष पहले, यहां 29 वर्षीय मोहम्मद क़ासिम ने अपने परिवार के आर्थिक सहारे के लिए सड़क किनारे विक्रेता का काम किया था। वे हर दिन अपने पिता की थेलियों में धोए जाने वाले बर्तनों को साफ़ करते थे।
लेकिन आज, वे पूरे प्रादेश में अपनी सफलता की चमक बिखेर रहे हैं, क्योंकि उन्होंने प्रांतीय सिविल सेवा (न्यायिक) परीक्षा में 135वीं रैंक हासिल की है।
उनकी कठिनाईयों से भरी यात्रा
मोहम्मद क़ासिम की यह सफलता उनकी लगन और साहस की कहानी है। उन्हें जीवन में कई संघर्षों का सामना करना पड़ा, लेकिन उन्होंने हार नहीं मानी।
अपने आर्थिक संघर्षों के बावजूद, उन्होंने प्रयास नहीं छोड़ा और अपने लक्ष्य की ओर प्रगति की। उन्होंने अपने पिता के साथ मिलकर काम किया, परिश्रम किया, और अपनी शिक्षा में भी विशेष ध्यान दिया।
शिक्षा का महत्व मोहम्मद
क़ासिम की यह सफलता शिक्षा के महत्व को बखूबी दर्शाती है। वे अपने जीवन में कई बाधाओं का सामना करने के बावजूद, शिक्षा को हमेशा महत्व दिया।
वे अपने लक्ष्य की प्राप्ति के लिए कठिन परिश्रम करते रहे और अंततः सफलता प्राप्त की। उनकी कहानी हमें यह सिखाती है कि हार नहीं मानना, परिश्रम करना और अपने सपनों को पूरा करने के लिए प्रतिबद्ध रहना हमेशा महत्वपूर्ण है।